रविवार, 27 दिसंबर 2020

इन मीडिया कंपनियों को पत्रकारों और वेब एक्सपर्ट्स की जरूरत



नई दिल्ली। Zee न्यूज को न्यूज आउटपुट डेस्क में टिकर के लिए पत्रकारों की जरूरत है. तीन से पांच साल के अनुभव वाले आवेदन कर सकते हैं. कार्यस्थल है नोएडा.

ज्यादा जानकारी इस विज्ञापन में है-

प्रोब कंपनी को वेब डेवलपर्स और डिजिटल मार्केटर / एसएमएम की जरूरत है. इन पदों के लिए योग्यता, अनुभव क्या होना चाहिए, इसका विवरण नीचे दिए गए विज्ञापन में प्रकाशित है-

रिपब्लिक भारत को बंगाली भाषा जानने वाले पत्रकारों की जरूरत है. डिटेल इस विज्ञापन में है-

    अमर उजाला मेरठ के वरिष्ठ फोटो जर्नलिस्ट मनोज देवगन का निधन





    मेरठ। अमर उजाला मेरठ में कार्यरत वरिष्ठ फोटोजर्नलिस्ट मनोज देवगन का आज सुबह देहांत हो गया।वह पिछले एक माह से बीमार चल रहे थे। अंतिम संस्कार सोमवार को दोपहर एक बजे सूरजकुंड में होगा। यात्रा इनके निवास मंगलपांडे नगर एकता पार्क से शुरू होगी। मनोज के निधन पर लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार नवेद शिकोह की ये रिपोर्ट पढ़िए-

    लम्बे बालों वाले छायाकार मनोज देवगन नहीं रहे

    करीब दो दशक तक लखनऊ के बेहतरीन छायाकारों में शुमार वरिष्ठ छायाकार मनोज देवगन का आज सुबह मेरठ में देहांत हो गया। वो कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। करीब बारह-चौदह वर्ष पहले मनोज देवगन का ट्रांसफर अमर उजाला लखनऊ ब्यूरो से मेरठ में हो गया था। तब से वो परिवार सहित मेरठ में बस गए थे। थिएटर के दौर से मनोज से मधुर रिश्ते रहे थे।

    कालजयी नाटक एवं इंद्रजीत की तस्वीर उन्होंने ही खीची थी और अमर उजाला में प्रमुखता से छपी थी। थिएटर के सिलसिले के बाद अमर उजाला के लखनऊ ब्यूरो कार्यालय में काम करने के दौरान भी मनोज देवगन जी से दोस्ताना रिश्ता रहा था। अपने काम को समर्पित ये फोटो जर्नलिस्ट फील्ड में चट्टान की तरह जमा रहता था।

    जितना भी सख्त मौसम हो..दंगा, आगजनी, गोलीबारी, लाठीचार्ज या पथराव हो रहा हो मनोज हर हक़ीकत को को अपने कैमरे में कैद करने के लिए फील्ड और स्पॉट पर डटे रहते थे।

    अपने प्रोफेशन को किसी इबादत से कम ना समझने वाले देवगन हर किस्म की फोटोग्राफी के उस्ताद थे। नई पीढ़ी को सिखाने, आगे बढ़ाने और सहयोग करने का उनमें जज्बा था। हर बीट में उनके सोर्सेज और परिचित थे। और हर इवेंट में उनकी मौजूदगी नजर आती थी।

    मुझे याद है जब वो लखनऊ में थे तो बड़े से बड़े अफसर, नेता, कलाकार, कार्यकर्ता या आम इंसान किसी एवेंट/घटना/कार्यक्रम की प्रेस कवरेज की कटिंग कलेक्शन की बात करता था तो कहता था कि लम्बे बालों वाले छायाकार थे इसलिए अमर उजाला जरूर देख लेना।

    अलविदा मनोज भाई
    श्रद्धांजलि

    नवेद शिकोह

      शनिवार, 26 दिसंबर 2020

      दैनिक जागरण को एक संपादक ने कह दिया गुडबॉय, पढ़ें इस्तीफानामा

       



      मनोज झा दैनिक जागरण के लिए एसेट हुआ करते थे. बेबाक बोलने और लिखने वाला संपादक. दशक भर से ज्यादा समय से दैनिक जागरण के साथ थे. अनुभवों का पिटारा है इनके पास. जमीन की समझ है इनके पास. गंभीर माहौल को सहज सरल बनाए रखने के उस्ताद. ऐसे संपादक ने आज दैनिक जागरण का साथ छोड़ दिया.

      मनोज झा फिलहाल रायपुर में पदस्थ होकर जागरण ग्रुप के अखबार नई दुनिया के राज्य संपादक के रूप में कामकाज देख रहे थे. उन्हें बीच में पटना भेज दिया गया था संपादक बनाकर. फिर वहां से रायपुर. ऐसा नोएडा के शातिर संपादक ने परेशान करने की नीयत से किया था. नोएडा का शातिर संपादक चाहता ही नहीं कि नोएडा में कोई जेनुइन किस्म का सीनियर जर्नलिस्ट टिके.

      प्रबंधन भी अंधा बना हुआ है. अच्छे लोग छोड़कर जा रहे हैं पर प्रबंधन मौन की मुद्रा में है.

      मनोज झा आगे क्या करने वाले हैं, कहां जा रहे हैं, यह पता नहीं चल पाया है.

      देखें मनोज झा का इस्तीफानामा-

      आदरणीय सर
      सादर प्रणाम।
      नितांत पारिवारिक परिस्थितियों के चलते बेहद भारी और कृतज्ञ मन से मुझे संस्थान से अलग होने का कठिन फैसला लेना पड़ रहा है। पिछले 17 साल के दौरान संस्थान ने मुझे हमेशा अपेक्षाओँ से बढ़कर दिया है। इस दौरान कई उतार-चढ़ाव आए, लेकिन वरिष्ठों के सतत मार्गदर्शन और कनिष्ठों के अपार सहयोग से मैं विविध दायित्वों का निर्वहन करता चला गया। यह मेरी अचल संपत्ति है और इसके लिए मैं संस्थान का सदैव ऋणी रहूंगा। निश्चित रूप से इस दीर्घ कार्ययात्रा के दौरान मुझसे कई गलतियां, चूक और लापरवाहियां हुई होंगी। मेरे कथन और कृत्य से कई साथियों को मानसिक कष्ट भी हुआ होगा। इन सब बातों के लिए मैं अपने तमाम वरिष्ठों और कनिष्ठों के समक्ष क्षमाप्रार्थी हूं। यदि भविष्य में मैं कभी संस्थान के किसी काम आ पाया तो मैं इसके लिए स्वयं को कृतज्ञ महसूस करूंगा। इसी प्रकार यदि आगे कभी संस्थान से दोबारा जुड़ने का अवसर मिला तो मैं स्वयं को गौरवान्वित महसूस करूंगा। फिलहाल मैं संस्थान से त्याग-पत्र दे रहा हूं। 29 दिसंबर मेरा अंतिम कार्यदिवस होगा।

      सादर
      मनोज कुमार झा, रायपुर