मंगलवार, 31 अगस्त 2010

सदा खुशदिल

लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती,  कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।  नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है,  चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है।  मन का विश्वास रगों में साहस भरता है,  चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है।  आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती,  कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। __ हरिवंश राय बच्चन..


स्वभाव सदा खुशदिल होना चाहिए। चेहरे पर मुस्कान और आनन्द खिला रहना चाहिए। इससे व्यक्तित्व का विकास होता है। खुशदिल व्यक्ति को सभी लोग मानते हैं। प्रसन्नचित्त और सतत् मुस्कान के साथ-साथ गम्भीरता, विचारशीलता, मर्यादा और प्रसंगशीलता का पुट भी मिला रहना चाहिए।


हमें करुणावश दूसरों के लिए कार्य नहीं करना है  परन्तु मनुष्य की सेवा का भाव होना चाहिए,   क्योंकि मनुष्य ही भगवान शिव का सत्-स्वरुप है।



कुछ समझें सब ओर कुछ, फिरते बेपरवाह।

कर्म जो दुनिया में किये, बनते वही गवाह।।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें