टाइटिल वेरिफिकेशन और डिक्लयरेशन पर स्टे : भास्कर घराने का झगड़ा डीबी कार्प वालों को भारी पड़ता दिख रहा है. ताजी खबर जम्मू से है. डीबी कॉर्प ने 25 मई, 2010 को जम्मू से दैनिक भास्कर के प्रकाशन के लिये टाइटल वेरिफिकेशन के लिये आवेदन किया था. जम्मू जिला प्रशासन ने 2 जून को आरएनआई से राय मांगी. 9 जून को आरएनआई ने वेरिफिकेशन पर मुहर लगा दी. 15 जून 2010 को डीबी कॉर्प ने जिला प्रशासन जम्मू के यहां डिक्लयरेशन फाइल कर दिया.
24 जुलाई से जम्मू से अखबार लॉचिंग की खबर बाजार में आ गई.. दैनिक भास्कर के को-ऑनर संजय अग्रवाल ने 21 जुलाई को 2010 को जिला प्रशासन जम्मू के यहां अपनी आपत्ति दर्ज कराई. 22 जुलाई को जम्मू से प्रकाशन रोकने के लिये टाइटल वेरिफिकेशन एवं डिक्लयरेशन के खिलाफ जम्मू हाईकोर्ट में रिट पिटीशन फाइल किया. आज जम्मू हाईकोर्ट की जस्टिस सुनील हाली की बेंच ने संजय अग्रवाल का डीबी कॉर्प के 9 जून के टाइटल वेरिफिकेशन एवं 15 जून के डिक्लयरेशन पर स्टे देते हुए जिला प्रशासन जम्मू को उचित कार्रवाई के निर्देश दिए. संजय अग्रवाल ने अपनी रिट पिटीशन में डी बी कॉर्प, जिला प्रशासन जम्मू, आरएनआई एवं सूचना प्रसारण मंत्रालय को पार्टी बनाया था.
संजय अग्रवाल के 22 जुलाई को हाईकोर्ट पहुंचने की खबर जब डी बी कॉर्प के लोगों तक पहुंची तब उन्होंने आनन-फानन में वकीलों की सलाह पर दैनिक भास्कर का 21 जुलाई का अखबार छापकर उसकी प्रति 23 जुलाई को जिला प्रशासन जम्मू के यहां जमा कराई. 23 जुलाई को जब संजय अग्रवाल जिला प्रशासन के समक्ष हाईकोर्ट के निर्देश की प्रति लेकर पहुंचे उसी समय दैनिक भास्कर की ओर से 21 जुलाई का अखबार वहां जमा किया गया. जबकि डीबी कॉर्प 24 जुलाई को जोर-शोर से भास्कर के जम्मू से प्रकाशन की योजना बना रहा था. हालांकि हाईकोर्ट के फैसले की औपचारिक प्रति सोमवार को मिलेगी.
इसके पूर्व रांची से भी दैनिक भास्कर के प्रकाशन की तैयारियों के बीच संजय अग्रवाल ने डीबी कॉर्प के रांची से प्रकाशन के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट से स्टे ले रखा है. इसे वैकेट कराने के लिये आठ करोड़ राची में इनवेस्टमेंट एवं 400 कर्मचारियों की नियुक्ति का वास्ता देकर डी बी कॉर्प की तरफ से कांग्रेस नेता एवं एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने हाईकोर्ट में गुहार लगाई थी लेकिन सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने स्टे वैकेट न कर 28 जुलाई की तिथि निर्धारित की है.
सौजन्यः-भडा़स फोर मीडिया डाट काम