बठिंडा। जिले में एक ऐसा सख्श आजकल चर्चा में है जो स्वयं को कभी सीआईडी तो कभी आरबीआई का अफसर तो कभी इलैक्ट्रोनिक व प्रिंट मीडिया का पत्रकार कहकर पैसे एठने का काम कर रहा है। महोदय उक्त काम अकेला नहीं अपितुं दो अन्य पत्रकारों के साथ मिलकर करते है। पीली पत्रकारिता के इस धंधे में उक्त लोग आए दिन लोगों को गुमराह करने के साथ उनके अवैध धंधे को सार्वजनिक करने की धमकी देकर मोटी उग्राही करते हैं। एक सज्जन पिछले दिनों मेरे पास आए। उन्होंने अपने साथ हुए एक घटनाक्रम की जानकारी मुझे दी तो इन तीन महोदयों का जिक्र भी होने लगा। उन्होंने बताया कि इसमें एक पत्रकार कभी किसी अखबार का तो कभी किसी चैनल का स्वयं को प्रतिनिधि बताता है जबकि वह है नहीं, यही नहीं उसके साथ दो अन्य साथी भी होते हैं जो टीवी चैनल के रिपोर्टर बताते हैं। इसमें महानगर के होटल संचालकों, थानों में आने वाले परिवारिक कलहों के मामलों के साथ पैसे वाली असामी के अवैध संबंधों की पुख्ता जानकारी अपने पास होने की बात कहकर मनचाहे दाम वसूल कर लेते हैं। पहली बार बात एक लाख से शुरू होती है जो २० से ३० हजार में आकर तय हो जाती है। फिलहाल उक्त महोदयों ने जिले के दूसरे पत्रकारों को भी बदनाम कर रखा है। वही स्वयं को सीआईडी व आरबीआई जैसी सुरक्षा एजेंसी का प्रतिनिधि बताकर सुरक्षा एजेंसियों को भी धोखा देने में लगे हैं। फिलहाल यहां जरूरत है इस तरह के तत्वों को रोकने की जो पत्रकार और पत्रकारिता को बदनाम करने में तुले हैं।
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